भूविज्ञान अनुप्रयोग

भूगतिकी अध्ययन

विवर्तनिकी (टेक्टोनिक) रूप से सक्रिय भूकंपीय खतरे के विश्लेषण और प्रमात्रीकरण के लिए ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) जैसी उन्नत अंतरिक्ष भू-भौतिकी तकनीकों का उपयोग करके क्रस्टल विरूपण की निगरानी की जाती है। परतों की गति का मापन करने के लिए जीपीएस प्रयुक्त करने वाले लगातार प्रचालन करने वाले संदर्भ स्टेशनों (सीओआरएस) का उपयोग किया जा रहा है। एनआरएससी प्रमुख हिमालयी दबावों की बेल्ट (एचएफटी/एमबीटी/एमसीटी एवं आईएसएसजेड) के साथ ऐसे सीओआरएस पर्यवेक्षणों के लिए योजना बना रहा है। इसके लिए, देहरादून, उत्तरकाशी, बटवारी एवं रूड़की (उत्तराखंड) एवं मनाली, चंडीगढ़, पिन्जोर (हरियाणा), शिमला एवं हिमाचल प्रदेश में सुन्दरनगर में नौ सीओआरएस स्थापित किए जा चुके हैं।