अनुप्रयोग

चाय क्षेत्र का विकास और प्रबंधन

भारत के चाय बोर्ड को छोटे उत्पादकों के साथ चाय के बागानों, निराई किए हुए, पुनः रोपे गए बागान क्षेत्रों की सूची की आवश्यकता है। चाय बोर्ड, चाय अनुसंधान संघों, चाय बागानों और चाय उद्योगों में बेहतर समन्वय, उद्यान प्रबंधन और निर्णय सूचना के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए एनआरएससी द्वारा सहयोगात्मक अध्ययन किया गया है।

उपग्रह आंकड़ा (सैटेलाइट डेटा) का उपयोग छायादार वृक्षों की शिखर सघनता की स्थानिक परिवर्तनशीलता, चयन विवरणों सहित चाय बागानों के स्थानिक डेटाबेस, भूमि उपयोग, भारतीय चाय बोर्ड, पत्ती खरीदने वाले कारखानों , छोटे उत्पादकों एवं उद्योगों के बीच में प्रशासनिक संपर्क को सुगम बनाने के लिए छायादार वृक्ष सघनता के आकलन के लिए किया गया। इस परियोजना के लिए चाय बागान प्रबंधन सूचना प्रणाली (एम.आई.एस.) को विकसित किया गया है ताकि न्यूनतम प्रयास और श्रमशक्ति के साथ एक बड़े क्षेत्र में निराई और पुन: रोपण की गतिविधियों के मानीटरन की जानकारी को अद्यतन किया जा सके। असम राज्य में जलपाईगुड़ी और डिब्रूगढ़ के चाय बागानों के बारे में अध्ययन किया गया है।