शहरी एवं अवसंरचना
अनुप्रयोग
शहरी वृद्धि
बहुकालिक और बहु स्पेक्ट्रमी उपग्रह आंकड़ों (डेटा) का उपयोग करके शहरी विकास पैटर्न का लक्षणन और निगरानी की जाती है। सुदूर संवेदन हमें शहरी विकास के पैटर्न और फैलाव के लिए कारक घटकों को समझने और विश्लेषण करने में मदद करता है। इस प्रकार जीआईएस आधारित शहरी विस्तार मॉडल तैयार किया जाता है।
वैद्युत संचरण अवसंरचना के लिए वेब जीआईएस
महाराष्ट्र राज्य विद्युत संचरण निगम लिमिटेड (MSETCL) महाराष्ट्र राज्य में विद्युत संचरण अवसंरचना: सबस्टेशनों, संचरण लाइनों और टावरों के एकीकृत स्थानिक दृश्य और विश्लेषण करने के लिए भू-स्थानिक सेवाओं का उपयोग कर रहा है। इसे ईआरपी सिस्टम से वास्तविक समय प्रचालन आंकड़ों (डेटा) के साथ एकीकृत कर डीएसएस उपकरण के रूप में विस्तारित किया जाना है तथा निगरानी व निर्णय सहायता के लिए उपकरण विकसित किए जाने हैं। इस पोर्टल में जोड़े गये विषयक आंकड़ा आधार (डेटाबेस) को बिजली उत्पादन क्षमता में सुधार की नई परियोजनाओं की योजना बनाने के लिए उपयोग किया जा सकता है (विभाग द्वारा प्रतिबंधित उपयोग के लिए)।
भू-स्थानिक शासन – सभी के लिए पीएमएवाई आवास (शहरी)
जून 2015 में भारत सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) सभी के लिए आवास (शहरी) मिशन शुरू किया गया। गृह निर्माण की प्रगति निगरानी की जटिलता के मद्देनजर, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय (एमओएचयूपीए) एवं राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी), इसरो सहयोगी रूप से पीएमएवाई के ‘लाभार्थी नीत व्यक्तिगत गृह निर्माण’ घटक के अंतर्गत निर्माण किए जाने वाले प्रत्येक घर की जियो-टैगिंग आधारित फोटोग्राफ का क्रियान्वयन कर रहा है।