आपदा प्रबंधन सहायता

कृषि सूखा

1995 से एनआरएससी में, वनस्पति प्राचलों, मृदा आर्द्रता, वर्षा पैटर्न आदि से जुड़े कई सूचकांकों का उपयोग करते हुए कृषि सूखा आकलन और निगरानी हेतु प्रविधियां और राष्ट्रीय स्तर पर सूखे के आकलन किए गए। हाल ही में, प्रौद्योगिकी को कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के महालानोबिस राष्ट्रीय फसल पूर्वानुमान केंद्र को हस्तांतरित किया गया और संस्थानीकरण हेतु सहायता प्रदान की गयी।

वर्तमान में, लंबी अवधि तक सूखा प्रबंधन के लिए कृषि सूखा सुभेद्य ब्लॉकों की पहचान हेतु और फसल बीमा और कृषि बैंकिंग एजेंसियों के लिए अंतरिक्ष सूचना निवेश (इनपुट) प्रदान करने के लिए भी अनुसंधान और प्रचालनात्मक अध्ययन किए जा रहे हैं । वर्तमान में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र राज्यों के लिए उप-जिला स्तर पर (कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय/बीमा कंपनियों)कृषि सूखा भेद्यता-आकलन और मानचित्रण का अध्ययन किया जा रहा है।

एनआरएससी द्वारा पाक्षिक रूप से एनडीवीआई उत्पादों का जनन किया जाता है और प्रयोक्ताओं को एक नियमित उत्पाद के रूप में एनआरएससी आंकड़ा केंद्र (डेटा सेंटर) के माध्यम से कृषि सूखे के आकलन के लिए वितरित किया जाता है। मॉडिस उपग्रह व्युत्पन्न वनस्पति सूचकांक भी आईआरएस आंकड़ा (डेटा) व्युत्पन्न जानकारी के साथ संयोजन में प्रदान किए जाते हैं। देश भर में विभिन्न मौसम विज्ञान, वर्णक्रमीय (स्पेक्ट्रल) संकेतक और मृदा आर्द्रता सूचकांक सूचनाएँ भुवन-सूखा पर होस्ट की जाती हैं।