आपदा प्रबंधन सहायता

बाढ़

सभी प्रमुख बाढ़ और चक्रवात की घटनाओं के दौरान राज्य और केंद्रीय राहत विभागों और गृह मंत्रालय (एमएचए), भारत सरकार को बाढ़ निगरानी, मानचित्रण और वितरण का कार्य पूरा किया जाता है और बाढ़ राहत और पुनर्वासन गतिविधियों के दौरान आपदा प्रबंधन दलों (टीमों) को सहायता प्रदान की जाती है।

भारतीय सूदूर संवेदन उपग्रहों (आईआरएस)और गैर आईआरएस उपग्रहों (अंतरराष्ट्रीय चार्टर अनुरोध की मदद से) से अलग-अलग स्थानिक विभेदनों के साथ वैश्विक उपग्रहों के सभी संभावित अभिग्रहणों के उपग्रह आंकड़ों (डेटा) का बाढ़ मानचित्रण के लिए उपयोग किया जाता है। मेघाच्छादित अवस्था के दौरान ऑप्टिकल आंकड़ों में बादलों की सीमाओं के कारण सूक्ष्मतरंग उपग्रह आंकड़े (डेटा) बाढ़ आने और उसकी अवधि के दौरान सबसे अधिक उपयोगी होते हैं।

देश भर के राज्यों में प्रमुख बाढ़ की घटनाओं के लिए वर्तमान और ऐतिहासिक बाढ़ मानचित्रों को तैयार किया गया हैं, बाढ़ की अवधि का मानचित्र, वार्षिक बाढ़ की परतें, बाढ़ के खतरे का मानचित्र और संबंधित तकनीकी दस्तावेजों को आपदा सेवाओं (एनडीईएम सार्वजनिक): (भुवन-बाढ़)के रूप में रखा गया है। बाढ़ का पूर्वानुमान उन प्रमुख गतिविधियों में से एक है जिसे जल-विज्ञानी मॉडलिंग के साथ, उच्च विभेदन लिडार डीईएम, देश के बाढ़ प्रवण नदी क्षेत्रों में उपग्रह व्युत्पन्न भूमि उपयोग/भूमि आवरण (कवर) की जानकारी का उपयोग करके प्रारंभ किया गया है।

भुवन पर राष्ट्रीय बाढ़ भेद्यता आकलन प्रणाली, स्थलाकृति परिदृश्य, स्थानिक वर्षा में प्रवृत्तियां, स्थानिक अपवाह, कुछ मामलों के अध्ययन और तकनीकी रिपोर्टों सहित ग्रिड स्तर पर देश भर में बाढ़ भेद्यता सूचकांक प्रदान करती है।