सिंचाई अवसंरचनाओं में नहरें, सिंचाई संरचनाएं जैसे कि रेगुलेटर, आड़ी-तिरछी निकास संरचनाएं, साइफन, आदि शामिल होती हैं। संसाधनों के इष्टतम उपयोग, परियोजनाओं को त्वरित, सामयिक पूरा करने के लिए निर्माण चरण के दौरान सिंचाई परियोजनाओं का व्यापक मानीटरन केंद्रीय जल आयोग (सी.डब्ल्यू.सी.), जल संसाधन मंत्रालय (एम.ओ.डब्ल्यू.आर) द्वारा त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (ए.आई.बी.पी.) के तहत किया जाता है। उच्च विभेदन कार्टोसैट उपग्रह आंकड़ा (डेटा) सिंचाई के अवसंरचना की सूची प्रदान करता है और निर्माण कार्य की प्रगति का आकलन करता है तथा महत्वपूर्ण अंतराल सहित निर्माण कार्य की प्रगति का संक्षिप्त दृश्य भी प्रदान करता है।
20 राज्यों में 103 सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण-कार्य की प्रगति का मानीटरन किया गया और प्रौद्योगिकी को आंतरिकीकरण माध्यम से केंद्रीय जल आयोग, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय, भारत सरकार को दिया गया। आंकड़ा आधार (डेटाबेस) और रिपोर्ट भुवन-सैट ए.आई.बी.पी. . पर हॉस्ट किए गए हैं। इस पोर्टल को ए.आई.बी.पी. परियोजनाओं के ऑनलाइन मानीटरन हेतु सहज उपयोगपूर्ण प्रयोक्तानुकूलित ए.आई.बी.पी.-भुवन वेब अनुप्रयोग के विकास के साथ भी वर्धित किया गया है और सी.डब्ल्यू.सी. ने भुवन अनुप्रयोग का उपयोग करके 14 ए.आई.बी.पी. परियोजनाओं का मानीटरन किया है।