जल संसाधन

सतही जल निकायों का मानचित्रण एवं मानीटरन

देश भर में सतही जल निकायों का मानचित्रण और मानीटरन स्वचालित जल निकाय निष्कर्षण एल्गोरिदम के साथ किया जा रहा है जो आई.आर.एस. उपग्रहों के बहुसंवेदकों से दैनिक तौर पर अभिग्रहित उपग्रह आंकड़ों (डेटा) को संसाधित करने के लिए विकसित किया गया था। ये एल्गोरिदम अलग-अलग समय अंतराल (> 50 हे.-पाक्षिक,> 2 हे.-मासिक,> 0.25हे. मौसमी समय अंतराल में) पर विभिन्न आकार के जल निकायों की सूचना के मानचित्रण में मदद करते हैं। मेघ आवरण (क्लाउड कवर) की उपस्थिति के कारण, दैनिक संसाधित समय-समेकित आंकड़े (डेटा) उपलब्ध कराया जाते हैं।

रिसोर्ससैट 2, रिसोर्ससैट 2ए, स्थित (ऑनबोर्ड) संवेदक सतह के जल निकायों की सूचना-निर्माण और भुवन -डब्लू.बी.आई.एस. पर होस्ट करने के लिए जिम्मेदार प्रमुख उपग्रह हैं।

जल प्रसार सूचना का भी उपयोग ग्रिड-वार (5 कि.मी. x 5 कि.मी. का ग्रिड आकार) जल निकाय खंड उत्पाद के जनन में किया जाता है, जिसे भुवन-जल निकाय से "जलवायु एवं पर्यावरण अध्ययन की राष्ट्रीय सूचना प्रणाली (नाइसेस)" आंकड़ा आधार (डेटाबेस) के रूप में डाउनलोड किया जा सकता है। यह डेटा जल-विज्ञान मॉडलिंग, सूखा आकलन, सतह -जल गतिकी विश्लेषण आदि में उपयोगी है।

डब्लू.बी.आई.एस. के इस 2.0 संस्करण में (i) बहु-तिथि जल प्रसार क्षेत्र के ग्राफी अभिकल्पना; (ii) क्षेत्रीय जल प्रसार क्षेत्र विश्लेषण, (iii) जल प्रसार की स्थानिक-कालिक अभिकल्पना,(iv) अंतर्देशीय मत्स्य पालन के लिए संभावित जल निकायों की पहचान करने के लिए नए भू-स्थानिक उपकरण हैं।