आपदा प्रबंधन सहायता

भूस्खलन

भूस्खलन प्रमुख आपदा है जो भू-भाग कारकों जैसे, ढलान, शैल लक्षण (लिथोलॉजी), भूगर्भीय संरचना, भूमि उपयोग, स्थलानुरेख घनत्व और भू-आकृति विज्ञान जैसे कारकों के कारण होती है। एनआरएससी ने भूस्खलन की सूची एवं भूस्खलन संकट क्षेत्रवर्गीकरण मानचित्रण का कार्य किया है। घटना आधारित सूची (इनवेंटरी), मार्ग-वार सूची (इनवेंटरी),संकट प्रवण क्षेत्रों में मौसमी भूस्खलन सूची (इनवेंटरी) को पूरा किया जाता है और तैयार की गई सूचना भुवन-भूस्खलन पर रखी जाती हैं।

दावानल

भारत भर में राज्य के वन विभागों को दावानल नियंत्रण और प्रबंधन गतिविधियों को संचालित करने के लिए वनों में लगी हुई आग के स्थानों की समय पर सूचना प्रदान करने हेतु एनआरएससी की उपग्रह आधारित दावानल निगरानी, आपदा सहायता गतिविधियों में से एक है। सक्रिय दावानल निगरानी टेरा और एक्वा अंतरिक्ष यान पर उड़ने वाले मोडिस के उपग्रह आंकड़ा (डेटा) और सुओमी राष्ट्रीय ध्रुव-कक्षी साझेदारी (नैशनल पोलर-ऑर्बिटिंग पार्टनरशिप) (एसएनपीपी-वीआईआईआरएस)से दृश्य अवरक्त बिंबन विकिरणमापी सूट आंकड़ा (विजिबल इन्फ्रारेड इमेजिंग रेडियोमीटर सूट डेटा) का उपयोग करता है।

भूकंप

कारण एवं प्रभाव आकलन को समझने के लिए विभिन्न भूकंपीय घटनाओं पर कई शोध अध्ययन किए गए हैं। सिक्किम भूकंप (2011), जम्मू और कश्मीर भूकंप (2005) जैसी घटनाओं के मामले में क्षति का आकलन किया गया है।