आपातकालीन प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय डेटाबेस - एनडीईएम

एन.डी.ई.एम. मूलतः पूरे देश के लिए जी.आई.एस. आधारित डेटा के राष्ट्रीय भंडार के रूप में कार्य करता है, जिसमें बहु-स्तरीय डेटाबेस और निर्णय सहायता प्रणाली (डी.एस.एस.) के उपकरणों के सेट सम्मिलित हैं। यह परियोजना गृह मंत्रालय (एम.एच.ए.) के सहयोग से क्रियान्वित की जा रही है। इसका उद्देश्य लगभग वास्तविक समय में देश के लिए आपदा/आपातकालीन प्रबंधन में सहायता प्रदान करना है।

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निर्णय सहायता केंद्र (DSC)

एन.आर.एस.सी. के निर्णय सहायता केंद्र (डीएससी) के माध्यम से सभी प्रमुख आपदा श्रेणियों जैसे बाढ़, चक्रवात, भूकंप, भूस्खलन, कृषि सूखा, जंगल की आग के लिए आपदा प्रबंधन सहायता प्रदान की जाती है।

बाढ़

सभी प्रमुख बाढ़ और चक्रवात की घटनाओं के दौरान बाढ़ की निगरानी, मानचित्रण और राज्य एवं केंद्रीय राहत विभागों तथा गृह मंत्रालय (एम.एच.ए.), भारत सरकार को जानकारी प्रसारित की जाती है तथा बाढ़ राहत एवं पुनर्वास गतिविधियों के दौरान आपदा प्रबंधन टीमों को लगभग वास्तविक समय में सहायता प्रदान की जाती है।

हाल ही में - बाढ़ जलप्लावन - दृश्य
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चक्रवात

चक्रवात पथ का लगभग वास्तविक समय में मानिटरन और अनुमानित भूस्खलन स्थानों के मद्देनजर संभावित गंभीरता क्षेत्रों की जानकारी प्रदान करना, चक्रवातों के कारण बाढ़ जलप्लावन का मानचित्रण आपदा प्रबंधन टीमों की सहायता के लिए की जाने वाली प्रमुख गतिविधि है।

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कृषि सूखा

एन.आर.एस.सी. में 1995 से वनस्पति मापदंडों, मृदा नमी, वर्षा पैटर्न आदि को समेकित कर बहु-सूचकांकों का उपयोग करके कृषि-सूखा के आकलन और मानिटरन-पद्धतियों एवं राष्ट्रीय स्तर पर सूखा का आकलन किया जा रहा है।

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भूस्खलन

भूस्खलन प्रमुख आपदाएँ हैं जो ढलान, शैल-विज्ञान, भूवैज्ञानिक संरचना, भूमि उपयोग, आकृति-घनत्व और भू-आकृति विज्ञान जैसे भू-क्षेत्र कारकों के कारण होती हैं। एन.आर.एस.सी. ने भूस्खलन की सूची और भूस्खलन जोखिम-क्षेत्रीकरण के मानचित्रण का कार्य शुरू किया है। घटना आधारित सूची, मार्ग-वार सूची, जोखिम संभाव्य क्षेत्रों में मौसमी भूस्खलन की सूची तैयार की जाती है और प्राप्त जानकारी को भुवन-भूस्खलन में संग्रहीत किया जाता है।

Forest Fire

उपग्रह डेटा का उपयोग करके सक्रिय वन-अग्नि मानिटरन से भारत भर के राज्य वन विभागों को वन-अग्नि के नियंत्रण और प्रबंधन कार्यों के लिए आग की घटना की समय पर सूचना जी जाती है। सक्रिय अग्नि मानिटरन में टेर्रा और एक्वा अंतरिक्ष यान पर उड़ान भरते हुए मोडिस (MODIS) से प्राप्त उपग्रह डेटा और सुओमी राष्ट्रीय ध्रुवीय-कक्षा साझेदारी (SNPP-VIIRS) से प्राप्त दृश्यमान अवरक्त प्रतिबिम्बन रेडियोमीटर सुइट डेटा का उपयोग किया जाता है। उपग्रह डेटा IMGEOS, NRSC पर लगभग वास्तविक समय में प्राप्त और संसाधित किया जाता है।

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Earthquakes

विभिन्न भूकंपीय घटनाओं के कारण को समझने और उसके प्रभाव के आकलन के लिए कई शोध अध्ययन किए गए हैं। सिक्किम भूकंप (2011), जम्मू और कश्मीर भूकंप (2005) जैसी घटनाओं के मामले में क्षति का आकलन किया गया है।