विहंगावलोकन


शहरी और बुनियादी ढांचे के विकास के अनुप्रयोग मुख्य रूप से शहरी स्थानीय निकायों के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी सहायता के विकास से संबंधित हैं, ताकि भू-स्थानिक शासन के लिए जीआईएस आधारित शहरी योजनाओं और उपकरणों/अनुप्रयोगों का निर्माण किया जा सके।

उच्च विभेदन वाले उपग्रह चित्र भूमि उपयोग/भूमि आवरण (वर्तमान और अतीत), मौजूदा बुनियादी ढांचे, भू-भाग विशेषताओं आदि के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करते हैं। अंतरिक्ष आधारित सूचना और भू-स्थानिक विश्लेषण उपकरण भी कई अनुप्रयोगों में सहायता करते हैं, जैसे शहरी और क्षेत्रीय नियोजन, सड़क, रेल, तेल/गैस पाइपलाइन के लिए मार्ग संरेखण, जलविद्युत परियोजना, नई टाउनशिप के लिए साइट उपयुक्तता विश्लेषण, लैंडफिल साइटों, स्कूलों, अस्पतालों आदि की पहचान के लिए सुविधा और उपयोगिता योजना और पर्यावरणीय प्रभाव आकलन के लिए भी।

राष्ट्रीय मिशन परियोजनाएँ जैसे 142 शहरों के लिए राष्ट्रीय शहरी सूचना प्रणाली, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अंतर्गत क्षेत्रीय नियोजन के लिए इनपुट, प्राथमिक विषयगत मानचित्र, जैसे वर्तमान और पूर्व भूमि उपयोग/भूमि आवरण (LULC), मौजूदा बुनियादी ढाँचा, स्थलाकृति, भूविज्ञान, भू-आकृति विज्ञान, मिट्टी, भूजल क्षमता, वनस्पति प्रकार और वितरण, बंजर भूमि, आदि मास्टर प्लान तैयार करने हेतु शहरी स्थानीय निकायों को प्रदान किए जाते हैं। गेल पाइपलाइन कॉरिडोर की निगरानी भी की जा रही है। राष्ट्रीय फ़्लैगशिप अमृत (AMRUT) कार्यक्रम के अंतर्गत अति उच्च विभेदन वाले उपग्रह डेटा का उपयोग करके 21 विषयगत परतों के लिए 242 शहरों का मानचित्रण किया जा रहा है।