मोबाइल अनुप्रयोग


एनआरएससी, जियो-गवर्नेंस के लिए कई मोबाइल ऐप विकसित कर रहा है। मोबाइल उपकरणों, संचार और वैश्विक स्थिति प्रणाली के क्षेत्र में हालिया प्रगति ने क्षेत्रगत (फील्ड) आंकड़ा संग्रह और प्रबंधन के अभिनव और प्रभावी तरीकों की अभिकल्पना और उन्हें विकसित करना संभव बना दिया है। आजकल के मोबाइल उपकरण एकीकृत जीपीएस रिसीवर, फोटो कैमरा, जीपीआरएस / 3जी / 4जी / वाई-फाई कनेक्टिविटी, विशेषताओं से परिपूर्ण ओएस, आदि जैसी सुविधाओं से सुसज्जित होते हैं, जिसका लाभ अत्यधिक उत्पादक अनुप्रयोगों को कार्यान्वित करने में उठाया जा सकता है।

सुदूर संवेदन आंकड़ा विश्लेषण परियोजनाओं और कई भू-स्थानिक अवसंरचना मानचित्रण और गतिविधि निगरानी परियोजनाओं में भी भूतथ्य की जानकारी हासिल करने के लिए क्षेत्रगत (फील्ड) आंकड़ा संग्रह एक अनिवार्य प्रक्रिया है। परंपरागत रूप से, आंकड़ों का संग्रह एक हस्तकृत (मैन्युअल) प्रक्रिया है जिसमें परियोजना वैज्ञानिक द्वारा नियोजित स्थलों का दौरा, अभिरुचि के प्राचलों का लेखन, आवश्यक तस्वीरें लेना और कार्यालय लौटने के बाद अंतिम अनुप्रयोग में एकत्रित जानकारी को समाविष्ट करना शामिल हैं। हालाँकि यह हस्तकृत (मैन्युअल) प्रविष्टि न केवल त्रुटि-प्रवण है, बल्कि इसमें अत्यधिक मात्रा में समय और प्रयास भी लगता हैं।

ज्यादातर मामलों में, आंकड़ा संग्रह केवल गैर-स्थानिक आंकड़ों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अंतर्निहित (इनबील्ट) जीपीएस उपकरण (डिवाइस) का उपयोग कर रेखा (लाइन), बिंदु (पॉइंट) और बहुभुज (पॉलीगॉन) जैसी विशेषताओं और कुछ मामलों में बाहरी उपकरणों का उपयोग करके संवर्धित स्थिति निर्धारण (पोजीशनल) सटीकता प्राप्त करने के लिए, स्थानिक आंकड़ा विशेषताओं का भी संग्रहण किया जाता हैं। जियो-टैग की गई क्षेत्रगत (फ़ील्ड) तस्वीरों और अन्य ऑडियो / वीडियो / मल्टीमीडिया सामग्री के समावेश के साथ आंकड़ा संग्रह प्रक्रिया की उपयोगिता को और बढ़ाया गया है। जन स्रोतीकरण (क्राउड सोर्सिंग) या नियंत्रित जन स्रोतीकरण (क्राउड सोर्सिंग) के माध्यम से क्षेत्रगत जानकारी एकत्र करने के लिए मोबाइल प्रौद्योगिकी का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा सकता है।

आंकड़ा संग्रह और उपयोग प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए एक मोबाइल डिवाइस आधारित समाधान लागू करके, प्राप्त कुछ लाभ इस प्रकार हैं:

  • हस्तकृत (मैनुअल) आंकड़ा संग्रह प्रक्रियाओं से जुड़ी त्रुटियों को कम करना।
  • एकत्रित आंकड़े प्रमाणित होते हैं क्योंकि प्रयोक्ता को स्थान (अक्षांश-देशांतर), तस्वीरों और अनिवार्य क्षेत्रगत विशेषताओं को प्रग्रहित करने के लिए अनिवार्यतः साइट का दौरा करना पड़ता है
  • भुवन सर्वर पर प्रेषित करने से पहले विशेषता (एट्रिब्यूट) मान संपादित किए जा सकते हैं..
  • वेब ब्राउज़र पर अवस्थिति आधारित क्षेत्रगत (फ़ील्ड) आंकड़ों की निकट वास्तविक काल अभिकल्पना। चूंकि उपग्रह प्रतिबिंब मानचित्र पर डेटासेट प्राप्त करने, व्यवस्थापन और अभिकल्पना की समग्र प्रक्रिया स्वचालित है।
  • आपदा न्यूनीकरण, क्षति आकलन, अवसंरचना आवधिक निगरानी परियोजनाओं, वैज्ञानिक भू-सूचना विज्ञान परियोजनाओं (प्राकृतिक संसाधन) आदि के लिए बहुत उपयोगी है।