विहंगावलोकन


एनआरएससी का प्रशिक्षण नियोजन और समन्वय प्रभाग, प्रयोक्ता समुदाय के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों पर केंद्रित प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों की एक श्रृंखला की पेशकश करता है। यह प्रभाग, क्षमता निर्माण और भू-स्थानिक समाधानों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, विभिन्न प्रयोक्ता-आवश्यकताओं के अनुरूप विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम, कार्यशालाएं और वेबिनार आयोजित करता है। केंद्र और राज्य सरकार के विभागों के अधिकारियों की ओर लक्षित, एनएचपी और इसरो डीएमएसपी जैसी राष्ट्रीय पहलों के तहत संस्थागत क्षमता निर्माण हेतु अनुकूलित प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, भुवन जियोपोर्टल के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए 'भुवन सिंहावलोकन' जैसे वेबिनार आधारित प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया जाता है, जिससे प्रयोक्तागण भारतीय क्षेत्र के लिए वेब-आधारित भू-स्थानिक उत्पादों और सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं। इन पहलों का उद्देश्य सामूहिक रूप से परिचालन कार्यप्रवाह, वैज्ञानिक अनुसंधान और अनुप्रयोग परियोजनाओं के लिए भू-स्थानिक आंकड़ों (डेटा) के प्रभावी उपयोग को आगे बढ़ाना है।

भू-स्थानिक तकनीक क्यों?
उन्नत स्थानिक सूचना प्रणालियों के कार्यान्यवन के लिए सुदूर संवेदन, जीआईएस, स्थानन और भू-वेब सूचना सेवाओं सहित भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियां आवश्यक हो गई हैं। ये टूल स्थानिक और गैर-स्थानिक दोनों आंकड़ों (डेटा) को प्रग्रहित (कैप्चर) करने, पुनर्प्राप्ति, विश्लेषण और अर्थ-निर्वचन के लिए कार्य-पद्धतियों के विकास की सुविधा प्रदान करते हैं। विश्व स्तर पर, भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियां, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, आपदा न्यूनीकरण, शासन और सतत विकास पहलों के लिए स्थानिक आंकड़ों (डेटा) का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए निर्णयकर्ताओं को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

उपलब्ध पाठ्यक्रम: प्रति वर्ष लगभग 500 अधिकारियों/शैक्षणिक अध्येताओं को प्रशिक्षित करने के लिए लगभग 20 पाठ्यक्रमों और प्रशिक्षण में विभिन्न अनुप्रयोगों हेतु अंतरिक्ष सूचना-निवेश (इनपुट) के इष्टतम उपयोग के लिए प्रयोक्ता समुदाय की क्षमता निर्माण और विशेष, विषय-उन्मुख तथा अनुकूलित पाठ्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। अधिक जानकारी के लिए कृपया सारिणी का अवलोकन करें।

प्रयोक्ता समुदाय: विभिन्न सरकारी/उद्योग/स्वायत्त/गैर सरकारी संगठनों के पेशेवर; भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियां एवं उनके अनुप्रयोग के क्षेत्र में कार्य करने वाले शैक्षणिक संस्थानों के संकाय और शोधकर्ता, प्रशिक्षण के लिए आवेदन कर सकते हैं।