विहंगावलोकन


एनआरएससी द्वारा आंतरिक रूप से विकसित उत्पादों/प्रौद्योगिकियों की तकनीकी जानकारी के हस्तांतरण के लिए एक व्यवस्थित व सुपरिभाषित नीति का अनुसरण किया जा रहा है। इसका उद्देश्य विभिन्न अंतरिक्ष परियोजनाओं में, वाणिज्यिक क्षेत्र में उनके अनुप्रयोगों और ऐसी प्रौद्योगिकियों के उपोत्पाद (स्पिन-ऑफ) का लाभ उठाने के लिए भारतीय उद्योगों की अधिक भागीदारी को सुगम बनाना है। अस्सी के दशक के शुरूआती वर्षों के दौरान स्थापित प्रौद्योगिकी हस्तांतरण क्रियाविधि द्वारा वाणिज्यिक समुपयोजन के लिए एनआरएससी के विभिन्न उत्पादों की तकनीकी जानकारी के लिए लाइसेंस दिया जाना संभव हो सका है। उपग्रह संचार से संबंधित ग्राउंड सिस्टमों के क्षेत्र में उद्योगों में कई तकनीकों को सफलतापूर्वक स्थानांतरित और उत्पादन किया गया है। बड़े, मध्यम और छोटे स्तर के उद्योग बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी हस्तांतरण योजना के लाभार्थी रहे हैं। इसके साथ ही, एनआरएससी एक पेटेंट पोर्टफोलियो विकसित करने में निवेश कर रहा है, जिसमें अब दो पेटेंट और सात कॉपीराइट शामिल हैं। एनआरएससी के दृष्टिकोण को उपयुक्त प्रौद्योगिकी हस्तांतरण या लाइसेंसिंग योजनाओं के माध्यम से ऐसे संसाधनों के अधिकतम वाणिज्यिक समुपयोजन को सक्षम करने की दिशा में समायोजित किया गया है।

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