परिचालन परियोजनाएँ


ए.एस. एवं डी.एम.ए., एन.आर.एस.सी. ने एयरबोर्न (वायु-वाहित) सेंसर जैसे हवाई डिजिटल कैमरा, एयरबोर्न लेजर स्कैनर (ए.एल.एस.), सिंथेटिक अपर्चर रडार और भू-आधारित सर्वेक्षण उपकरण जैसे जी.एन.एस.एस. का उपयोग करके बड़े पैमाने पर उच्च विभेदनयुक्त भू-स्थानिक डेटा उत्पाद तैयार करने हेतु कई परियोजनाएँ क्रियान्वित की हैं। कुछ प्रमुख महत्वपूर्ण परियोजनाएँ नीचे सूचीबद्ध हैं -

इसरो का आपदा प्रबंधन सहायता कार्यक्रम (डी.एम.एस.पी.)

देश भर में छः प्रमुख नदी घाटियों गंगा, ब्रह्मपुत्र, कोसी, हुगली, महानदी, गोदावरी के लिए 1:5000 पैमाने पर संगत उच्च विभेदन भू-स्थानिक डेटा बेस और एम.एस.एल. डेटाम में 25 से.मी. सटीकता के साथ, 66200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करते हुए, डी.टी.एम. निर्माण का चरण 1 पूरा हो गया है। चरण 2 के अंतर्गत, उत्तर प्रदेश में रामगंगा बेसिन और हैदराबाद शहरी क्षेत्र का 25 सेमी सटीकता के साथ 15000 वर्ग किमी क्षेत्र के डी.टी.एम. निर्माण का कार्य प्रगति पर है।

बाढ़ प्रबंधन सुधार सहायता केंद्र (एफ.एम.आई.एस.सी.)

इस परियोजना का उपयोगकर्ता बिहार राज्य सरकार है और परियोजना क्षेत्र बिहार राज्य का हिस्सा है जिसे दो भागों (भाग-क) (7930 वर्ग कि.मी.) और भाग-ख (6960 वर्ग कि.मी.) में विभाजित किया गया है। इस परियोजना के अंतर्गत, ब्लॉक-क के लिए हवाई लिडार (LiDAR) डेटा का उपयोग करके 20 से.मी. सटीकता पर एम.एस.एल. में डी.टी.एम., 1:5000 पैमाने पर भू-स्थानिक डेटाबेस और 40 सेमी जी.एस.डी. पर लम्बकोणीय प्रतिबिम्ब (ऑर्थोइमेज) तैयार किए गए। ब्लॉक-ख के लिए डेटा उत्पाद निर्माण का कार्य प्रगति पर है।

भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (आई.एन.सी.ओ.आई.एस.) के लिए सुनामी चेतावनी प्रणाली हेतु तट क्षेत्र स्थलाकृति मानचित्रण

भारतीय तट पर तूफ़ान की लहरों के अध्ययन और सुनामी मॉडलिंग के लिए उच्च-विभेदनयुक्त डिजिटल टेरेन मॉडल (डी.टी.एम.) तैयार करने हेतु एयरबोर्न लिडार डेटा अधिग्रहित और संसाधित किया जाता है। इस परियोजना के अंतर्गत कुल 24020 वर्ग किमी क्षेत्र, अर्थात पूरे तट के साथ 2 किमी भीतरी क्षेत्र शामिल है। उत्पन्न डेटा उत्पाद एम.एस.एल. आधार (डेटाम) में 35 सेमी सटीकता के साथ डी.टी.एम., 1:5000 पैमाने पर भू-स्थानिक डेटाबेस, और 50 सेमी जी.एस.डी. पर लम्बकोणीय प्रतिबिम्ब (ऑर्थोइमेज) प्राप्त हुए।

शहरी एवं अवसंरचना

  1. एल.एफ.डी.सी. प्रतिबिम्बों (10 सेमी जी.एस.डी.) का उपयोग करके एस.एस.एल.आर., छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के लिए छत्तीसगढ़ के 10 शहरों के डिजिटल लम्बकोणीय प्रतिबिम्ब (ऑर्थोइमेज) का निर्माण
  2. संपूर्ण निजामाबाद जिले के 6300 वर्ग कि.मी. (ग्रामीण) और 300 वर्ग कि.मी. (शहरी) क्षेत्र को कवर करते हुए भू-सम्पत्ति मानचित्रण परियोजना के लिए डिजिटल लम्बकोणीय प्रतिबिम्ब (ऑर्थोइमेज) निर्माण।
  3. एन.आई.सी. के लिए तीन शहरों - हैदराबाद, बैंगलोर और कोलकाता की 1: 1000 मानचित्रण पैमाने पर हवाई फोटोग्राफी और 3डी उपयोगिता मानचित्रण
  4. दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के लिए हवाई संशोधित तस्वीरों का उपयोग करके 1: 10,000 पैमाने के बड़े पैमाने पर स्थलाकृतिक मानचित्रों का अद्यतन।
  5. रेलवे मार्ग संरेखण अनुप्रयोग के लिए 160 लाइन किमी को कवर करते हुए उत्तर रेलवे (इरकॉन) के लिए जम्मू और कश्मीर राज्य में अत्यधिक ऊबड़-खाबड़ भूभाग में 1:5,000 पैमाने पर स्थलाकृतिक मानचित्रण।
  6. 1 मीटर समोच्चरेखा (कंटूर) के साथ 1: 1,000 से 1: 2,500 डिजिटल स्थलाकृतिक आंकड़ा आधार तैयार करना।

    -राजस्थान शहरी आधारभूत विकास परियोजना (आरयूआईडीपी), राजस्थान सरकार के लिए- 6 नगर (1400 वर्ग किमी) – जयपुर, जोधपुर, अजमेर, कोटा, बिकानेर, उदयपुर

    -बेंगलूरु विकास प्राधिकरण (बीडीए) के लिए - बेंगलूरु शहर एवं उसके आसपास का परिवेश (1400 वर्ग कि.मी.)

    -हैदराबाद महानगर जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (एचएमडब्ल्यूएस एवं एसबी) के लिए - हैदराबाद शहर एवं उसके आसपास का परिवेश (650 वर्ग कि.मी.)

    -नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग, तमिलनाडु के लिए तमिलनाडु राज्य में 31 नगर

    -बीएमआरडीए और सिडको के लिए न्यू बॉम्बे, कल्याण और वसई-विरार क्षेत्र 500 वर्ग किमी को कवर करते हैं

    -कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के लिए 200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करते हुए कोलकाता महानगर क्षेत्र का 1:500 पैमाने पर बड़े पैमाने पर मानचित्रण