विहंगावलोकन


राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र, इसरो; संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध एशिया और प्रशांत में अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी शिक्षा केंद्र (सीएसएसटीईएपी) के तत्वावधान में ज्ञान संसाधन क्षेत्र, भू-केंद्र, शादनगर में अनुसंधान और विकास विशेषज्ञता और कई प्रक्षेत्र (डोमेन) में अनुभव के पांच दशकों को ध्यान में रखते हुए आंकड़ा अधिग्रहण और संसाधन, महासागर अनुप्रयोगों और अन्य विषय-क्षेत्रों के लिए उपग्रह सुदूर संवेदन पर लघु पाठ्यक्रम (कोर्स) आयोजित कर रहा है।

2023 में इसकी शुरुआत से लेकर अब तक, भारत सहित एशिया और प्रशांत देशों के लगभग 111 प्रतिभागियों ने इन कार्यक्रमों से सफलतापूर्वक स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। इनमें बांग्लादेश (4), भूटान (4), इंडोनेशिया (17), कजाकिस्तान (20), लाओ पीडीआर (2), नेपाल (4), श्रीलंका (16), भारत (19), मंगोलिया (6), ताजिकिस्तान (2), वियतनाम (10), म्यांमार (2), उज्बेकिस्तान (2) और फिलीपींस (3) के प्रतिभागी शामिल हैं।

इन पाठ्यक्रमों को उद्देश्यों एवं समग्र कार्यक्रम अभिकल्पना की प्राप्ति के संबंध में 5-स्टार रेटिंग में से 4.83 प्राप्त हुए हैं।

ध्येय यह है कि एनआरएससी में उपलब्ध ज्ञान आधार के साथ विशेषज्ञता और उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्रों में दीर्घकालिक, अनुकूलित, और अधिक अल्पाविधिक पाठ्यक्रम और एशिया और प्रशांत देशों के लिए रुचिकर कोर्स शुरू करने के साथ-साथ ऐसे पाठ्यक्रमों का संचालन जारी रखना हैं। हमारी पाठ्यक्रमों की सूची में हाल ही में सूक्ष्मतरंग (माइक्रोवेव) और प्रकाशिक (ऑप्टिकल) सुदरू संवेदन (रिमोट सेंसिंग) का उपयोग करके खनिज, तेल और भूजल अन्वेषण पर कोर्स को शामिल किया गया है।