हमारे निदेशक

डॉ. प्रकाश चौहान

Directorडॉ. प्रकाश चौहान (जन्म 15.05.1969) ने रूड़की विश्वविद्यालय (अब भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), रूड़की) से एप्लाइड जियोफिजिक्स में स्नातकोत्तर डिग्री और गुजरात विश्वविद्यालय, अहमदाबाद से भौतिकी में पीएचडी उपाधी प्राप्त की। राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (NRSC), हैदराबाद मेंपदग्रहण से पहले, आप अप्रैल 2018 से भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (IIRS), देहरादून में निदेशक थे। आप1991 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), अंतरिक्ष उपयोग केंद्र, अहमदाबाद में वैज्ञानिक के रूप में शामिल हुए और तब से भूविज्ञान, वायुमंडलीय और महासागरीय प्रक्रिया अध्ययन, महासागर और भूमि संसाधनों के लिए प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन हेतुसुदूर संवेदन तकनीक सहित अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोगों के लिए काम कर रहे हैं। आपनेअंतरिक्ष उपयोग केंद्र में भारतीय ग्रहीय मिशनों के माध्यम से सौर मंडल की वस्तुएं, मुख्य रूप से पृथ्वी के चंद्रमा और मंगल के अध्ययन हेतु ग्रहीय सुदूर संवेदन के लिए अनुसंधान गतिविधियों की शुरुआत की। आपनेअंतरिक्ष उपयोग केंद्र, अहमदाबाद में 2014 से 2018 के दौरान जैविक और ग्रह विज्ञान समूह के समूह निदेशक के रूप में भी कार्य किया।

आपकी प्रमुख उपलब्धियाँ भू-प्रेक्षण अनुप्रयोगों के क्षेत्र में है, जिनमें ओशनकलर पैरामीटर पुनर्प्राप्ति के लिए एल्गोरिदम का विकास, समुद्री जीवन संसाधन मूल्यांकन, अंतरिक्ष आधारित वायु गुणवत्ता निगरानी के लिए एयरोसोल सुदूर संवेदन, अंतरिक्ष जनित अल्टीमीटर और तटीय क्षेत्र प्रबंधन का उपयोग करके नदी और जलाशय जल स्तर का आकलन शामिल है। अभी हाल ही में,आप हिमालय क्रायोस्फीयर की जलवायु प्रतिक्रिया और अंतरिक्ष से वायु गुणवत्ता मूल्यांकन को समझने के लिए उपग्रह सुदूर संवेदन डेटा का उपयोग करने पर काम कर रहे हैं।

आपने चंद्र सतह संरचना मानचित्रण के लिए चंद्रयान-2 और चंद्रयान-1 जैसे भारतीय ग्रह मिशनों के लिए हाइपर-स्पेक्ट्रल उपग्रह डेटा का उपयोग करने में प्रमुख कार्य किया है। आप ऑनबोर्ड चंद्रयान-2 मिशन के इन्फ्रारेड इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर (IIRS) उपकरण के प्रधान अन्वेषक थे। आपने मंगल कक्षित्र मिशन (MOM) उपकरणों से डेटा के वैज्ञानिक विश्लेषण के लिए वैज्ञानिक दल का भी नेतृत्व किया। हाल ही में, चंद्रयान-2 IIRS स्पेक्ट्रोमीटर डेटा पर आपके काम के परिणामस्वरूप चंद्रमा की सतह परपानी(H2O)और OHका स्पष्ट पता चला है। आपके अन्वेषणों ने चंद्रमा के विभिन्न स्थानों पर पानी के अणुओं की उपस्थिति को निर्णायक रूप से स्थापित किया है।

भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (IIRS), देहरादून के निदेशक के रूप में, डॉ. चौहान ने भारत में सामाजिक अनुप्रयोगों के लिए सुदूर संवेदन और जियोइन्फॉर्मेटिक्स प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोगों के क्षेत्र में अनुसंधान एवं क्षमता निर्माण के लिए गतिविधियों का नेतृत्व किया। आप पृथ्वी प्रणाली विज्ञान के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम संचालित करने में CSSTEAP-UN जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों को सक्रिय रूप से मार्गदर्शन और सहायता प्रदान कर रहे हैं। इसरो-आपदा प्रबंधन प्रणाली (उन्नत तकनीक और क्षमता निर्माण) के परियोजना निदेशक के रूप में आपदा प्रबंधन के लिए सुदूर संवेदनसूचना प्रदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय चार्टर गतिविधियों का समन्वय किया।

संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध एशिया और प्रशांत क्षेत्र में अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी शिक्षा केंद्र (CSSTEAP) के निदेशक के रूप में आपने UNOOSA के साथ एशिया और प्रशांत क्षेत्र में अंतरिक्ष अनुप्रयोगों के लिए क्षमता निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कोविड महामारी के बावजूद CSSTEAP गतिविधियों को जारी रखने के लिए MOOCs और ऑन-लाइन पाठ्यक्रम जैसे नए इनोवेटिव डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म पेश किए गए हैं।

आप वर्तमान में UNCOPUS के STSC में संपूर्ण कार्य समूह के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। आपने वर्ष 2018-19 के लिए क्षमता निर्माण और डेटा डेमोक्रेसी(WGCapD) के CEOS कार्य समूह के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है। आप अन्तर्राष्ट्रीय ओशन कलर समन्वय ग्रुप (IOCCG) के कार्यकारी सदस्य हैं और इसरो का प्रतिनिधित्व करते हैं। आपने ओशन कलर वर्चुअल कॉन्स्टेलेशन (OCR-VC) के सह-अध्यक्ष के रूप में CEOS में इसरो का प्रतिनिधित्व भी किया है। आप प्रतिष्ठित नासा-इसरो ग्रह विज्ञान कार्यकारीग्रुप के सदस्य भी रहे हैं।

आपको वर्ष 2004 के लिए इंडियन सोसाइटी ऑफ रिमोट सेंसिंग द्वारा प्रतिष्ठित प्रो. पी.आर. पिशारोटी मेमोरियल पुरस्कार, वर्ष 2009 के लिए फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी (PRL), अहमदाबाद द्वारा हरिओम आश्रम प्रीरिट डॉ.विक्रम साराभाई रिसर्च अवार्ड,2010 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा इसरो मेरिट अवार्ड और 2016 के लिए ISRS, देहरादून द्वारा सतीश धवन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। आपको 22 सितंबर 2023 को जकार्ता, इंडोनेशिया में आयोजित एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय अंतरिक्ष एजेंसी फोरम (APRSAF-29) के 29वें सत्र के पुरस्कार समारोह के दौरान "2023 एशिया-प्रशांत क्षेत्र उत्कृष्टता पुरस्कार" से सम्मानित किया गया है।आपने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में 150 से अधिक समकक्ष समीक्षा पत्र प्रकाशित किए हैं और आप वर्तमान में नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस (NASI), इलाहाबाद, इंडियन सोसाइटी ऑफ रिमोट सेंसिंग और इंडियन सोशल साइंस एकेडमी के फेलो हैं।