राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन (एनएमएसए) के तहत मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन (एसएचएम) सबसे महत्वपूर्ण पहल है। एसएचएम का उद्देश्य मृदा स्वास्थ्य और इसकी उत्पादकता में सुधार के लिए जैविक खादों और जैव-उर्वरकों के साथ द्वितीयक और सूक्ष्म पोषक तत्वों सहित रासायनिक उर्वरकों के विवेकपूर्ण उपयोग के माध्यम से एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन को बढ़ावा देना है। 6 राज्यों (तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, हरियाणा, असम और पश्चिम बंगाल) के मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाने के लिए एक वेब आधारित पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किया गया है जो किसी भी समय और किसी भी स्थान से मृदा नमूनों को भू-पंजीकृत करने के साथ-साथ मृदा स्वास्थ्य आंकड़ों (डेटा) पर आधारित फसल-विशिष्ट सिफारिशों को पुनःप्रतिस्थापन करेगा।
पूरे देश की पोषक तत्व स्थिति, उर्वरक मिश्रण तथा उर्वरक आवश्यकता मानचित्रों के जनन की इस जानकारी से कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार की मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना में सहायता प्रदान कर रहे है। जनित मृदा स्वास्थ्य कार्डों को भुवन-एसएचसी पर होस्ट किया जाता है।
संबंधित आंकड़ों (डेटा) की प्रविष्टि व मृदा स्वास्थ्य कार्ड के जनन की सुविधा वाले मॉड्यूल के साथ वेब आधारित पोर्टल का विकास, एवं मृदा नमूनों की जियो-टैगिंग व मृदा स्वास्थ्य स्थिति आधारित कृषकों द्वारा उर्वरक की सिफारिश को सदैव प्राप्त करने के लिए मोबाइल एप्लिकेशन का विकास। 12 मृदा प्राचलों, पोषक तत्व मिश्रण व उर्वरक आवश्यकता के भू-स्थानिक गणना के लिए जिला स्तर पोषक तत्व स्थिति मानचित्र प्रदान किए गए।